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Lekhny shayari -31-Aug-2023

ख़्वाब था मैं तेरा बेशक मगर चाहत मैं था नहीं ।।

समंदर बेशक गहरा हो सकता है मगर मार सकता वो किसी के ख्वाब नहीं।।

कमज़ोर है वक्त के आगे बेशक मगर रहे हमेशा ये किसी का अरमां नहीं।।

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2 Comments

Sachin dev

02-Sep-2023 04:25 PM

Nice

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Reena yadav

01-Sep-2023 08:02 PM

👍👍

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